The best Side of sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।
श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
क्लींकारी काल-रूपिण्यै, बीजरूपे नमोऽस्तु ते।।
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
विच्चे चा ऽभयदा नित्यं, नमस्ते मन्त्ररूपिणि।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै click here विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
इति श्रीरुद्रयामले गौरीतन्त्रे शिवपार्वतीसंवादे सिद्ध कुंजिका स्तोत्र